अयोध्या केस का फैसला भारत के सबसे लंबे विवाद का हल

  • सर्वोच्च न्यायालय ने विवादित भूमि पर सुनवाई पश्चात राम मंदिर बनाने का फैसला दिया

  • सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 को 134 वर्ष पुराने अयोध्या राम मंदिर एवं बाबरी मस्जिद विवाद के बहुप्रतीक्षित फैसले को अयोध्या राम मंदिर तथा बाबरी मस्जिद भूमि शीर्षक विवाद में दिया

  • शीर्ष अदालत ने सरकार को अयोध्या में मुसलमानों के लिए एक नई मस्जिद बनवाने हेतु एक प्रमुख स्थल पर 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का भी आदेश दिया।


वर्ष 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अयोध्या में निर्मोही आखड़ा रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच विवादित भूमि को 3 बराबर भागों में विभाजित किया था।


  निर्णय 


भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि विवादित भूमि की हिंदू पक्ष को दिए जाने और केंद्र को एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया जो विवादित स्थल के प्रबंधन को देखेगा।


यह विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। पीठ में जस्टिस एस ए बोबडे डीवाई चंद्रचूड़ अशोक भूषण और अब्दुल नजीर भी शामिल थे।


सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पहचाने जाने वाले प्रमुख स्थल पर एक नई मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में 5 एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाएगा।



  • न्यायालय के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा एक पृष्ठ का गठन किया जाएगा और निर्मोही अखाड़े को दस्त में कोई भूमिका दी जानी चाहिए या नहीं इसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए।

  • 2.77 एकड़ विवादित भूमि को उस ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा जिसे 3 महीने के भीतर बनाना है कोर्ट ने सरकार से बोर्ड ऑफ ट्रस्टी नियुक्ति करने को भी कहा है।

  • अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा भूमि को तीन भागों में विभाजित करने में गलत फैसला था न्यायालय ने निर्मोही अखाड़े द्वारा किए गए विशेष चाबी को भी खारिज कर दिया गया।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से सिया बापू बोर्ड द्वारा किए गए विवादित स्थल पर स्वामित्व के दावे को खारिज कर दिया।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि अयोध्या में विवादित भूमि के असली मालिक देवता रामलला है।


टाइमलाइन



  1. 1885 महंत रघुवर दास ने पूर्वी गढ़ में चबूतरा पर मंदिर बनाने के लिए जमीन पर कानूनी अधिकार हासिल करने के लिए मुकदमा दायर किया पुलिस स्टाफ जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था।

  2. 1949 बाबरी मस्जिद के अंदर 22 से 30 दिसंबर की रात को राम और लक्ष्मण की मूर्तियों को रखा गया। फैजाबाद जिला अदालत के एक न्यायाधीश ने बाबरी मस्जिद को विवादित संपत्ति घोषित किया और आदेश दिया कि यथास्थिति बनाए रखी जाए।

  3. 1950 परमहंस रामचंद्र दास ने पूजा जारी रखने और मूर्तियों को रखने के लिए  मुकदमा दायर किया

  4. 1959 निर्मोही अखाड़े ने इस स्थल पर कब्जा करने की मांग की।

  5. 1981 उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्थल पर कब्जे के लिए मुकदमा दायर किया।

  6. 1992 बाबरी मस्जिद को हजारों हिंदू कारसेवकों द्वारा 6 दिसंबर को ध्वस्त कर दिया गया यहां तक कि असहाय सुरक्षा बलों ने ढांचे को गिराए जाने पर भी नजर रखी

  7. 1992 केंद्र ने 16 दिसंबर को न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह लिब्राहन के एक सदस्य आयोग का गठन किया जो बिंदास की घटनाओं के अनुक्रम और घटनाओं से संबंधित सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करता था

  8. 2010 जस्टिस एस यू खान सुधीर अग्रवाल और डीवी शर्मा की तीन जजों वाली बेंच ने 30 सितंबर बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। न्यायालय ने विवादित भूमि को संबंधित तीन प्रमुख पक्षों अर्थात सुन्नी वक्फ बोर्ड निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के बीच समान रूप से विभाजित किया।

  9. 2017 से 19 सबसे पहले मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और फिर सीजेआई रंजन गोगोई के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की ओर ध्यान केंद्रित किया


2019 सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने मार्च में 3 सदस्य मध्यस्थता पैनल का गठन किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट जज ए फैमिली खुल्ला आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता और प्रशिक्षित मध्य स्थित श्रीराम पंचू शामिल थे। हालांकि यह एक समाधान तक पहुंचने में विफल रहा।रहा।


संविधान पीठ के सदस्य



  1. जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस रंजन गोगोई को अक्टूबर 2018 में भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया वह वर्ष 2011 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने थे पुलिस टो

  2. उन्हें 23 अप्रैल 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था वह 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए


जस्टिस शरद अरविंद बोबडे



  1. नागपुर महाराष्ट्र में 24 अप्रैल 1956 को जन्मे जस्टिस गोखले ने वर्ष 1978 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र केरोल पर दाखिला लिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 29 अक्टूबर 2019 को न्यायमूर्ति हरविंद्र बड़े को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति है।

  2. वह जस्टिस रंजन गोगोई का स्थान लेंगे और 18 नवंबर 2019 को इन्होंने भारत के 45 में मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।


जस्टिस अशोक भूषण



  1. उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से आने वाले न्यायमूर्ति भूषण ने वर्ष 1989 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।

  2. उन्होंने 13 मई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया


जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़



  1. वह वर्ष 2000 में मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपनी नियुक्ति तक वर्ष 1998 में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे। उन्हें वर्ष 2016 में सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया था।था।


जस्टिस एस अब्दुल नजीर



  1. वह 24 सितंबर 2004 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश बने। 17 फरवरी 2017 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया